बैटरी का आविष्कार कैसे शुरू हुआ था ?

अगर आप बैटरी को हिंदी भाषा में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, आज मैं आपको बैटरी के बारे में बताऊंगा। इस लेख में हम आपको बताएंगे कैसे हुआ बैटरी का अविष्कार अर किस ने किया था

 बैटरी का आविष्कार किसने किया?

मैं पहले भी बता चुका हूँ कि बैटरी का आविष्कार अलेक्जेंडर वोल्टा ने किया था। उन्हें 1800 में एक प्रकार की केमिकल सेल बनाई, जिसे बाद में बैटरी कहा गया। वोल्ट की यह बैटरी विभिन्न तरीकों से ऊर्जा को आपसी विद्युत संबंधितता में बदलने में सहायक थी।

 बैटरी (battery) का आविष्कार कौन से देश में हुआ था?

बैटरी (Battery) का आविष्कार इटली के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर वोल्टा द्वारा हुआ था। उन्होंने 1800 में एक प्रकार की केमिकल सेल बनाई, जिसे बाद में बैटरी कहा गया। वोल्ट की यह बैटरी विभिन्न तरीकों से ऊर्जा को आपसी विद्युत संबंधितता में बदलने में सहायक थी।

  बैटरी का आविष्कार कैसे शुरू हुआ था ?

दोस्तों आज के समय में बैटरीज का क्या महत्व है, ये सब हम अच्छे से जानते हैं आज हम इलेक्ट्रिक उपकरणों से इस तरह गिर गए हैं कि हम विद्युत के बिना एक पल भी नहीं रह सकते हैं, लेकिन समस्या यह है कि इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग हर जगह और हर वक्त तो नहीं किया जा सकता है ना? इसलिए वैग्यानिकों ने विद्युत को एक छोटे से डिवाइस में स्टोर करने के लिए बैटरी नाम का यंत्र बनाया था जिसका उपयोग पावर सेव करके लंबे समय तक यूज़ करने के लिए किया जाता है और आज के समय में तो दिन ब दिन बैटरीज का यूज़ बढ़ता जा रहा है क्योंकि आज के समय में लोगों को हर समय विद्युत उर्जा की आवश्यकता होती है दोस्तों में बैटरी हमारे वर्तमान युग में शक्ति का एक सामान्य स्रोत है हम अपनी कारों को शुरू करने के लिए अपने लैपटॉप को चालू करने के लिए घंटों तक अपने सेल फ़ोन पर बात करने के लिए बैटरी का उपयोग करते हैं दोस्तों वैसे तो बैटरी कई तरह के होते हैं जिनका आविष्कार अलग अलग समय में अलग अलग लोगों द्वारा किया गया था और साथ ही वक्त के साथ इनमें सुधार करके इसे और भी आधुनिक बनाया गया था इसलिए दोस्तों में आज के इस वीडियो में हमें नहीं नहीं, बैटरीज के प्राचीन दस्तावे और इनके आविष्कार तथा समय के साथ इन में हुए बदलाव के बारे में विस्तार से जानने की कोशीश करेंगे दोस्तों अगर वास्तविकता की बात की जाए तो बैटरी बिजली का एक स्रोत है इसलिए बैटरी का आविष्कार का इतिहास भी इलेक्ट्रिसिटी का आविष्कार से जुड़ा हुआ है पर हज़ारों साल पहले जब लोग बिजली के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे तब बिजली की तरह बैटरी भी अज्ञात थी जैसा कि आप जानते हैं कि इलेक्ट्रिसिटी का खयाल मानव के मन में आकाशीय बिजली को देखने के बाद आया था पर कहीं ना कहीं मानव को इलेक्ट्रिसिटी का ज्ञान सदियों पहले से था आपको बता दें मिस मतलब बीजेपी वासियों को सत्ताईस सौ साल पहले से ही ब्लैक फिश के बारे में मालूम था

जिसके सबूत मिस्र में कहीं आर्कोलॉजिकल खोजों के दौरान मिले और साथ ही ईसा से छे सौ साल पहले ग्रीस के रहने वाले थे बेल्स नाम के एक वैज्ञानिक ने नंबर पत्थर से हुए आकर्षण पर गहरा अध्ययन करके स्टैटिक चार्ज की खोज की थी दोस्तों उनकी इस खोज का किस्सा बेहद दिलचस्प है आप हमारे इलेक्ट्रिसिटी की खोज वाली विडिओ में इनकी इस खोज के बारे में अच्छे जान पाएंगे इस वीडियो का लिंक डिस्क्रिप्शन में है आप उसको देख सकते हैं पेड़ दोस्तों साल उन्नीस सौ छत्तीस में बगदाद शहर के पास एक नई रेलवे लाइन के निर्माण के लिए खुदाई का काम चल रहा था इसी खुदाई के समय यहाँ पर काम करने वाले कर्मचारियों को तकरीबन दो हज़ार साल पुराना एक प्राचीन मकबरा दिखाई दिया था जब वैग्यानिकों ने इस मकबरे की छानबीन की तो पाया कि यहाँ पर कई तरह के पुराने हथियार पहिये मिट्टी के बर्तन सारी चीजें मौजूद थीं इन चीजों के बीच विटामिन से सील किए गए कुछ मिटटी के जार भी मिले थे जो कि तकरीबन छह इंच लंबे थे, जिसमें एक लोहे की छड़ थी जोकि तांबे की चादर से बनी नली से घिरी हुई थी तब उन लोगों को इन मिट्टी के चार में दो हज़ार साल पहले ही बैटरी का उपयोग किए जाने का संदेह हुआ फिर इसी तरह के कई नमूने बाद में रोम से भी मिले थे इन सब पर अध्ययन करने के बाद वैग्यानिकों द्वारा यह अनुमान लगाया जाता है कि इस तरह के पोर्ट्स का उपयोग ईसा से तीन हज़ार वर्ष पूर्व रोम और बगदाद में धातु को इलेक्ट्रोलाइट करने या आग लगाने वाले हथियार के रूप में प्रयोग में लाया जाता रहा होगा बाद में वैग्यानिकों ने इम्पोर्ट का नाम पालीथिन बैटरी रख दिया हालांकि बैटरी शब्द का प्रयोग पहली बार अमेरिकी वैज्ञानिक और आविष्कारक बेंजामिन फ्रेंकलिन नए साल सत्रह सौ उनचास में किया था जब वह लिंक किए गए कपैसिटर के इस सेट का उपयोग करके लाइट नहीं करनी कोशीश कर रही थी लेकिन दोस्तों अगर आधुनिक दुनिया में हुई बैटरी का आविष्कार की बात करें तो उसका क्रेडिट जाता है इतालवी भौतिक विज्ञान इ इलज़ाम रो वोल्टा को जिन्होंने साल अठारह सौ में दुनिया की पहली बैटरी वोल्टेज फाइल का आविष्कार किया था आपको बता दें वोल्टा का जन्म इटली के कोनों में साल सत्रह सौ पैंतालीस में हुआ था उनका जन्म एक धनी परिवार में हुआ था उनका परिवार चाहता था की उल्टा कानून की पढ़ाई करे, लेकिन वे अठारह वीं शताब्दी के मध्य काल में पैदा हुए थे जब पूरी दुनिया में बिजली का आविष्कार को लेकर एक संग्राम चल रहा था और इसे बिजली के युग की शुरुआत के रूप में जाना जाता था इसलिए चौदह पंद्रह साल की उम्र में ही उन्होंने बहुत कि के प्रति अपने जुनून का पता लगा लिया और अन्य वैग्यानिकों की तरह वह भी बिजली के बारे में अत्यधिक मोहित और उत्सुक होगा ये और उन्होंने इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने की ठान ली थी आपको बता दें वोल्टा ने कोई औपचारिक डिग्री नहीं ली

थी वो एक कॉलेज ड्रॉपआउट थी क्योंकि उनके हिसाब से उनके लिए ज्ञान कक्षाओं और सीमित नहीं था फिर भी वो हमेशा बहुत के क्षेत्र में कार्यरत रहे थे जब वे अठारह साल के थे तब उन्होंने अपने पारिवारिक मित्र के साथ प्रयोगशाला में प्रयोग करना शुरू कर दिया था और हमेशा बिजली के साथ अपने प्रयोग जारी रखें उनके महान ज्ञान और बहुत ही प्रति प्रेम के कारण सत्रह सौ अठहत्तर में उन्हें पांव या विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त कर लिया गया था आपको बता दें साल सत्रह सौ अस्सी में नाम के एक और भौतिकी के वैज्ञानिक थे जिन्होंने मेंढकों विभिन्न धातुओं और बिजली के साथ कुछ हैरान कर देने वाले प्रयोग किये थे आपको बता दें उन्होंने कुछ मेंढक लिए और उनके पैर काट दिए तथा कौन? कटे हुए पैर को धातु की बाड़ से जोड़कर बिजली के तूफान में रख दिया अपने प्रयोग के दौरान उन्होंने देखा कि जब बिजली के तूफान उस बाल से टकराते हैं तो मेंढकों के पैर में हलचल होने लग जाती है इससे उन्होंने ये तात्पर्य निकाला कि मेंढक के शरीर में भी बिजली होती है हालांकि इसे बाद में नर्व इम्पल्स इसके विद्युत का आधार माना गया लेकिन वोल्टा ने अवलोकन की आलोचना की और तर्क दिया कि मेंढकों की मांसपेशियां मनुष्यों की मांसपेशियों की तरह ही बिजली पर प्रतिक्रिया कर रही थी मेंढकों की मांसपेशियां बिजली पैदा नहीं कर रही थी वोल्टा कलवानी को गलत साबित करना चाहते थे धीरे धीरे वोल्टा और गलवानी का ही विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया और इसने इतालवी वैज्ञानिक समुदाय को दो भागों में बांट दिया हालांकि इस घटना के बाद वोल्टा भी लगातार गलवानी के इस परीक्षण को

बारीकी से अध्ययन कर रहे थे, जिसके चलते एलेसैंड्रो वोल्टा ने इसे साबित करने के लिए एक प्रयोग किया उन्होंने कई तांबे के और चांदी के सिक्के लिए और फिर एक तांबे के सिक्कों को चांदी के सिक्कों के ऊपर ढेर करते चले गए और प्रत्येक ढेर को स्टील के तार से जोड़ दिया और फिर उन्होंने चांदी के शीर्ष सिक्कों को तारों से जोड़ दिया जो कि पहले से ही एक महिला के पैर से जुड़े हुए थे, जिससे सर्किट पूरा हो गया और इस प्रक्रिया से में ढाका खेल गया आपने इस प्रैक्टिकल में वोल्टा को बुलवाने के प्रयोग के बारे में एक बहुत ही दिलचस्प बात का अहसास हुआ उन्होंने देखा ही गलवानी के प्रयोग में बिजली पैदा करने के कारण मेंढकों की मांसपेशियां नहीं थी बल्कि दो अलग अलग प्रकार की धातुएं थी आपको बता दें इस प्रयोग में जिंक और कॉपर धातु के कई जोड़े शामिल थे इन दो धातुओं ने दो इलेक्ट्रोड के रूप में काम किया था, जिसे हम कैथोड और नोट के रूप में जानते हैं वोल्टा ने इन दोनों धातुओं को एक कपड़े से अलग कर दिया था, जिसे नमकीन घोल में भिगोया गया था ये कपड़ा इलेक्ट्रोलाइट का काम करता था जब तार के दूसरों को ढेर से जोड़ा जाता है तो ढेर के माध्यम से बिजली बहने लगती थी इसके बाद उन्होंने एक और चांदी और अन्य धातुओं का ढेर बनाये जिसमें उन्होंने सेम प्रक्रिया को अपनाया बस धातुओं की मात्रा बढ़ा दी थी और फिर उन्होंने एक तार लिया और तार के दोनों सिरों को ढेर से जोड़ दिया फिर यहाँ से एक इस थे धारा बहने लगी है इस बार उल्टा ने देखा कि विभिन्न प्रकार की धातुएं अलग अलग मात्रा में करंट पैदा कर रही थी और साथ ही अधिक डिस्क होने की वजह से विद्युत प्रवाह में बढ़ोतरी हो गई थी उन्होंने अपने द्वारा बनाए गए चांदी और तांबे के इस ढेर को वॉल टाइल्स एल का नाम दिया, जो तांबे चांदी की डिस्क का एक समूह था जैसे नमक के पानी में भिगोकर कपड़ों से अलग किया गया था उनके इस वॉल टाइल्स एल से लगभग तीन महीने तक विद्युत प्रवाह उत्पादन किया जा

सकता था या वोल्टेज का उत्पादन तब बंद नहीं होता था जब तक ये वोल्टेज के उत्पादन के लिए इसमें गोला नमक पर्याप्त रूप से कमजोर नहीं हो जाता था बाद में बीस मार्च अठारह सौ को वोल्टा ने पहली बार लंदन की रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष के सामने अपने इस अविष् कार फाइल के बारे में सूचना दी उस समय कई वैज्ञानिक वोल्टा के आविष्कार से बहुत संतुष्ट हुए थे हालांकि वोल्टा अपने सेल से केवल थोड़ी मात्रा में ही बिजली का उत्पादन कर सकते थे इसलिए उन्होंने कई सेल को एक साथ जोड़कर बैटरी का काम किया उनकी पहली बैटरी में छह साल थे और ये टू वी बिजली का उत्पादन कर सकती थी मतलब टू वोल्ट जब वोल्टा का आविष्कार प्रकाशित हुआ तो इसने दुनियाभर के वैज्ञानिक को के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया दरवाजा खोल दिया आने सभी वैज्ञानिक ये पता लगाने लग गए की इस ऊर्जा के नए रूप में और क्या कर सकते हैं जो पहले बनाई गई भारी स्थिर मशीनों की तुलना में कहीं अधिक पोर्टेबल थी वोल्ट एक बैटरी ने बिजली का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान किया लेकिन कहीं ना कहीं इस की सीमाएं थीं हवा में नमी होने के कारण शरण के कारण इसे लगातार रखरखाव की आवश्यकता होती है और बड़ी मात्रा में बिजली प्रदान करने में असमर्थ इ इन सभी कमियों ने जर्मन, रासायनिक जॉर्ज ओम और फ्रांसीसी बहुत ही विज्ञानी आंध्र मेरी एम पी और जैसे वैग्यानिकों को इसके कार्य के तरीकों में और सुधार करने के लिए प्रेरित किया जिसके चलते साल अठारह सौ छत्तीस में अंग्रेज जॉन ऐफ़ डैनियल ने डैनियल सेल का आविष्कार किया जिसमें दो लेक्ट्रो लाइट्स कॉपर सल्फेट और जिंक सल्फेट का उपयोग किया गया था ये साल कुछ हद तक सुरक्षित और कम रखरखाव वाला था फिर इसके बाद साल अठारह सौ उनसठ में फ्रांसीसी आविष्कारक गैस प्लांट ने पहली व्यावहारिक स्टोरेज लीड ऐसे बैटरी विकसित की जिससे बैटरी को री चार्ज किया जा सकता था इस प्रकार की बैटरी आज मुख्य रूप से कारों में उपयोग की जाती है दोस्तों, इसके बाद समय के साथ साथ कई लोगों ने अलग अलग बैटरी का आविष्कार किया था दोस्तों आपको बता देंगे बैटरी एक स्टोरेज डिवाइस होती है जो कि बहुत सारे सेल्स को आपस में जोड़कर बनाई जाती है इन बैटरी सेल्स के अंदर इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्शन होते हैं, जो की केमिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलते हैं, जिससे हमें ऊर्जा मीलती

है इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्शन्स केमिकल में मौजूद था इसकी वजह से होते हैं हर एक सेल में कैथोड और ऐनोड दो प्रकार के पेड़ मौजूद होते हैं, जो कि इलेक्ट्रॉन के फ्लो में सहायक होते हैं सेल्स के अंदर इलेक्ट्रॉन का बहाव नेगेटिव से पॉज़िटिव की तरफ होता है, परंतु सर्किट में करेंट पॉज़िटिव से निगेटिव की तरफ होता है इस प्रकार बैटरी से आउटपुट करंट और वोल्टेज मिल जाता है |

   FAQ-

  • बैटरी का आविष्कार कब और किसने किया?
  • बैटरी का आविष्कारक कौन है?

मैं इस हिंदीकी ब्लॉग का संस्थापक हूं। जो SEO, Technology, Internet ,YouTube,से संबंधित विषयों में रुचि रखते हैं। अगर आपको ब्लॉगिंग या इंटरनेट से जुड़ी कुछ जानकारी चाहिए तो आप यहां पूछ सकते हैं।

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