⚡ बिजली का इतिहास – खोज से आविष्कार तक
🔹 1. हमारे जीवन में बिजली का महत्व
दोस्तों, आज की आधुनिक दुनिया में इलेक्ट्रिसिटी (Electricity) हमारी जिंदगी का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है।
फैन, टीवी, मोबाइल, रेफ्रिजरेटर, एसी, कंप्यूटर — इन सभी चीजों के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है।
यदि एक दिन के लिए भी बिजली चली जाए तो सबकुछ रुक जाता है —
कारखाने बंद हो जाते हैं, मशीनें ठप हो जाती हैं, और हमारा रोज़मर्रा का जीवन पूरी तरह प्रभावित हो जाता है।
इसी वजह से आज के युग में “रोटी, कपड़ा, मकान” के साथ बिजली भी एक बेसिक नीड़ (Basic Need) बन चुकी है।
🔹 2. क्या बिजली का आविष्कार हुआ था या खोज?
यह जानना जरूरी है कि बिजली का आविष्कार (Invention) नहीं हुआ था, बल्कि उसकी खोज (Discovery) हुई थी।
👉 “खोज” का मतलब होता है – ऐसी चीज़ जो पहले से नेचर (प्रकृति) में मौजूद हो, लेकिन इंसान उसे पहचान ले।
👉 “आविष्कार” का मतलब होता है – ऐसी चीज़ जो पहले कभी नहीं थी और इंसान ने उसे बनाया।
जैसे – आग (Fire) की खोज हुई थी, जबकि बल्ब (Bulb) का आविष्कार हुआ था।
इलेक्ट्रिसिटी भी प्रकृति में पहले से मौजूद थी — बिजली की चमक, झटके देने वाली मछलियाँ, और तूफान में चमकती आसमानी बिजली, ये सब इसके रूप थे। इसलिए यह कहना गलत होगा कि बिजली का आविष्कार हुआ, बल्कि इसकी खोज की गई थी।
🔹 3. 600 ईसा पूर्व – थेल्स ऑफ माईलेटस की खोज
करीब 600 बीसी (ईसा पूर्व) में यूनान (Greece) के महान दार्शनिक और वैज्ञानिक थेल्स ऑफ माईलेटस (Thales of Miletus) ने सबसे पहले बिजली से जुड़ा प्रयोग किया।
उन्होंने रेशम के धागे से कांच के टुकड़े को रगड़ा, और पाया कि वह हल्की चीज़ों जैसे कागज को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
यह पहली बार था जब इंसान ने “इलेक्ट्रिक चार्ज” का प्रभाव महसूस किया।
थेल्स ने इसे “Amber Effect” कहा और यहीं से “Electricity” शब्द की उत्पत्ति हुई।
🔹 4. 1772 – बेंजामिन फ्रैंकलिन और आसमान की बिजली
कई शताब्दियों बाद, अमेरिकी वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन (Benjamin Franklin) ने 1772 में एक साहसी प्रयोग किया।
उन्होंने बारिश और तूफान के बीच पतंग में धातु की चाबी बांधकर उड़ाई।
जब बिजली कड़की तो पतंग की भीगी रस्सी से करंट चाबी तक पहुंचा और फ्रैंकलिन को हल्का झटका महसूस हुआ।
उन्होंने साबित किया कि आकाशीय बिजली (Lightning) और इलेक्ट्रिसिटी (Electric Current) एक ही चीज़ हैं।
इस प्रयोग से उन्हें बिजली की खोज का श्रेय मिला।
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🔹 5. 1800 – अलेसेंड्रो वोल्टा और पहली बैटरी
1800 में इटली के वैज्ञानिक अलेसेंड्रो वोल्टा (Alessandro Volta) ने रासायनिक प्रतिक्रिया (Chemical Reaction) से बिजली उत्पन्न की।
उन्होंने जिंक और कॉपर की प्लेटों को नमक के घोल से जोड़कर एक उपकरण बनाया — इसे उन्होंने “Voltaic Pile” कहा।
👉 यही दुनिया की पहली बैटरी (Electric Cell) थी।
आज जो बैटरी हम फोन, घड़ी या इन्वर्टर में इस्तेमाल करते हैं, उसकी नींव वोल्टा ने रखी थी।
उनके सम्मान में वोल्ट (Volt) नामक यूनिट बनाई गई।
🔹 6. 1831 – माइकल फैराडे और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन
ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल फैराडे (Michael Faraday) ने 1831 में एक क्रांतिकारी प्रयोग किया।
उन्होंने पाया कि यदि एक तांबे की कुंडली (Coil) के चारों ओर चुंबक (Magnet) को तेजी से घुमाया जाए, तो बिजली उत्पन्न होती है।
इसे कहा गया “Electromagnetic Induction” – यही सिद्धांत आज के जनरेटर और मोटर का आधार है।
फैराडे के प्रयोग ने बिजली उत्पादन को एक नई दिशा दी।
🔹 7. 1878 – थॉमस एडिसन और जोसेफ स्वान का बल्ब
फैराडे की खोज के बाद बिजली के उपयोग को व्यावहारिक बनाने का दौर शुरू हुआ।
1878 में अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन (Thomas Edison) और ब्रिटिश वैज्ञानिक जोसेफ स्वान (Joseph Swan) ने फिलामेंट बल्ब (Filament Bulb) का आविष्कार किया।
हालांकि दोनों ने अलग-अलग जगहों पर प्रयोग किया, लेकिन दुनिया में एडिसन का नाम अधिक प्रसिद्ध हुआ।
इस आविष्कार ने बिजली को घरों तक पहुंचाने की राह खोल दी।
🔹 8. 1880 के दशक – डीसी करंट की सीमाएँ
एडिसन ने बिजली को Direct Current (DC) के रूप में उपयोग किया, लेकिन इसमें दो बड़ी समस्याएँ थीं –
1️⃣ इसे केवल 2–3 किलोमीटर तक ही ट्रांसफर किया जा सकता था।
2️⃣ यह खतरनाक और महंगा था।
इसलिए लंबे दूरी तक बिजली पहुंचाना लगभग असंभव था।
🔹 9. निकोला टेस्ला – एसी करंट का जनक
निकोला टेस्ला (Nikola Tesla), जो पहले एडिसन की कंपनी में काम करते थे, ने डीसी की सीमाओं को समझा और एक नए प्रकार के करंट पर काम शुरू किया — Alternating Current (AC)।
एसी करंट की मदद से बिजली को लंबी दूरी तक सुरक्षित रूप से भेजा जा सकता था।
एडिसन ने इस विचार को अस्वीकार किया, इसलिए टेस्ला ने खुद ही एसी जनरेटर और एसी मोटर का निर्माण किया।
1888 में जब उन्होंने अपने प्रयोग सफलतापूर्वक पूरे किए, तो यह पूरी दुनिया के लिए “Electric Revolution” थी।
आज हम घरों और दफ्तरों में जो बिजली इस्तेमाल करते हैं — वह एसी (Alternating Current) ही है।
इसलिए टेस्ला को सही मायनों में “आधुनिक बिजली का जनक (Father of Modern Electricity)” कहा जाता है।

🔹 10. भारत में बिजली का इतिहास
भारत में बिजली का इतिहास भी बेहद रोचक है।
वैदिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि महर्षि अगस्त्य ने हजारों वर्ष पहले ही एक प्रकार की बैटरी (Agastya Battery) बनाई थी, जो ड्राई सेल जैसी तकनीक पर आधारित थी।
हालांकि उस समय पेटेंट और वैज्ञानिक दस्तावेज़ों का अभाव था, इसलिए यह आविष्कार इतिहास में दर्ज नहीं हो सका।
आधुनिक भारत में पहली बार 1879-1882 के बीच कलकत्ता (Kolkata) में बिजली का व्यावसायिक उपयोग शुरू हुआ।
धीरे-धीरे बिजली देश के अन्य हिस्सों में भी फैल गई, और आज भारत दुनिया के सबसे बड़े बिजली उत्पादक देशों में गिना जाता है।
🔹 11. बिजली के खोजकर्ताओं का योगदान (Summary Table)
|
क्रम |
वैज्ञानिक का नाम |
वर्ष |
योगदान |
|
1️⃣ |
थेल्स ऑफ माईलेटस |
600 BC |
पहली बार इलेक्ट्रिक चार्ज का अनुभव |
|
2️⃣ |
बेंजामिन फ्रैंकलिन |
1772 |
बिजली और आसमानी बिजली के संबंध की खोज |
|
3️⃣ |
अलेसेंड्रो वोल्टा |
1800 |
पहली बैटरी (Voltaic Pile) का निर्माण |
|
4️⃣ |
माइकल फैराडे |
1831 |
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन की खोज |
|
5️⃣ |
थॉमस एडिसन |
1878 |
बल्ब का आविष्कार (DC करंट आधारित) |
|
6️⃣ |
निकोला टेस्ला |
1888 |
एसी करंट और एसी मोटर का आविष्कार |
🔹 12. निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों, बिजली की खोज से लेकर उसके आधुनिक उपयोग तक का सफर सैकड़ों वर्षों का रहा है।
थेल्स की छोटी-सी खोज से शुरू हुई यह यात्रा फ्रैंकलिन, वोल्टा, फैराडे, एडिसन और टेस्ला जैसे महान वैज्ञानिकों के योगदान से पूर्ण हुई।
आज हम एक बटन दबाकर जो रोशनी, ठंडक और सुविधा पाते हैं — वह इन्हीं वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है।
वास्तव में, बिजली मानव सभ्यता का सबसे बड़ा वरदान है जिसने दुनिया को अंधकार से उजाले की ओर ला दिया।