हवाई जहाज का आविष्कार कैसे शुरू हुआ था ?

अगर आप हवाई जहाज को हिंदी भाषा में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, आज मैं आपको हवाई जहाज के बारे में बताऊंगा। इस लेख में हम आपको बताएंगे  कैसे हुआ हवाई जहाज  का अविष्कार अर  किस ने किया था |

 

हवाई जहाज का आविष्कार किसने किया ?

हवाई जहाज (Aeroplane) का आविष्कार विलबर और ऑरविल राइट नामक भाईयों ने किया था। उन्हें व्राइट ब्रदर्स के नाम से भी जाना जाता है। वे 1903 में पहली सफल उड़ान अपने स्वाधीनता विमान से किए थे, जो कि किट्टी हॉक, नॉर्थ कैरोलिना, यूएसए में हुआ था।

हवाई जहाज (Aeroplan का आविष्कार कौन से देश में हुआ था?

एरोप्लेन का आविष्कार United States अमेरिका में हुआ था, जब विलबर और ऑरविल राइट ने 1903 में पहला सफल उड़ान अपने स्वाधीनता विमान से किया।

हवाई जहाज का आविष्कार कैसे शुरू हुआ था ?

हवाई जहाज का आविष्कार कैसे शुरू हुआ था ?

प्राचीन काल से ही जब इंसान आसमान की तरफ उड़ते हुए पक्षियों को देखता था तो उसके मन में भी पक्षियों की तरह उड़ने का ख|याल आता था पर आज से hundreds साल पहले किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि आने वाले समय में हवाई यात्रा करना इतना आसान और सुरक्षित होगा बंद रहीं सदी के बाद से कई खोजकर्ता, वैज्ञानिक और इंजीनियर्स ने आसमान में उड़ते हुए पक्षियों से सीखकर और उन पर परीक्षण करके आसमान में उड़ने का सपना संजो लिया था और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए इन्होंने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी कुछ को तो कामयाबी मिल गई और कुछ लोगों के हाथ नाकामी लगी हवाई जहाज बनाने का इतिहास भी बहुत लम्बा रहा है क्योंकि हवाई यान को रेलगाड़ी की तरह बार बार प्रयोग नहीं किया जा सकता था क्योंकि नाकाम होने पर यान गिरकर टूट जाता था और चालक भी घायल हो जाते थे इसलिए इसे हमेशा परफेक्ट बनाना पड़ता था और उसको पूरी सावधानी और सतर्कता के साथ ही हवा में उड़ाया जाता था आमतौर पर जिन दो भाइयों का हवाई जहाज के आविष्कारक के तौर पर जाना जाता है वो है और ब्राइट हालांकि इन राइट से पहले भी कई इंजीनियर्स ने हवाई यान बनाने की कोशीश में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी तो कई लोगों ने इसको बढ़ाते समय किसी दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गंवा दी तो चलिए जानते हैं इस हवाई यान को बनाने का सपना देखते हुए अपनी पूरी जिंदगी इसके पीछे लगा देने वाले कुछ महान

इंजीनियर्स और वैग्यानिकों के बारे में प्रथम प्रयास यू नो do da vinci sun 1452में जन्मे लियोनार्डो दा, विंची एक महान चित्रकार थे जिन्हें दुनिया सिर्फ चित्रकार के रूप में ही नहीं जानती थी बल्कि ये उस समय के मशहूर खोजकर्ता भी थे उनके बनाए हुए हर एक चित्र में एक रहस्य छुपा होता था उन्होंने अपनी पेंटिंग के जरिए कई दुनिया के सामने रखी जिसे देखकर उस समय के लोग हैरान रह जाते थे बाद में इसी पर काम करते हुए कई वैज्ञानिक अपने आविष्कार करने लगे को दुनिया का पहला इंसान समझा जाता है जिन्होंने हवाई सफर का सपना देखा और फिर इस सपने को साकार करने के लिए दिन रात एक कर दिए लेनार्डो द विंची ने हवाई सफर से जुड़े तीन तथ्य दिए थे नम्बर एक फ्लाइंग मशीन फ्लाइंग मशीन को लेनार्डो द विंची का सबसे प्रसिद्ध आविष्कार माना जाता था, जो उनकी रचनात्मक क्षमता को दर्शाता था उन्होंने चिड़ियों के उड़ान भरने और उतरने पर काफी अध्ययन किया था और इस अध्ययन के बाद उन्होंने लकड़ी का प्रयोग करके एक फ्लाइंग मशीन बनाई उनके इस मशीन में तैंतीस फिट के दो सिल्क से बने पंख लगे हुए थे इसमें पुलिस सिस्टम लगा हुआ था ताकि पैर से पैडल मारकर उड़ान को आसान बनाया जा सके और सामने की तरफ दिशा नियंत्रण करने के लिए साइकल की तरह बनी हुई थी अपने हवाई सफर के सपने को पूरा करने से पहले ही दो मई पंद्रह सौ उन्नीस को उनकी मृत्यु हो गई नंबर दो फ्लाइंग अपने जीवन काल में उन्होंने हवाई यात्रा करने के लिए एक और मशीन का सैंपल तैयार किया था जिसे उन्होंने दुनिया के सामने फ्लाइंग स्क्रू के नाम से प्रदर्शित किया था इनका ये सैंपल आज के आधुनिक हेलिकॉप्टर से मिलता जुलता है नम्बर तीन पैराशूट लाइनों डू द विंची ने अपनी पेंटिंग के जरिए दुनिया के सामने पहली बार एक पैराशूट का जिक्र किया था इनका ये पैराशूट बिल्कुल इजिप्ट के पिरामिड के आकार का था और उन्होंने इस पेन्टिंग के साथ उसमें कई बारी जानकारियां भी दी थी दूसरा प्रयास सं पंद्रह सौ उन्नीस में की मौत के बाद, बहुत से लोगों ने हवाई यान बनाने या फिर हवाई सफर करने की कोशीश की पर कामयाब ना हो सके

अठारह वीं सदी के आखिर तक गुब्बारों का यानी कीहॉट एयर बलून का निर्माण हो चुका था जिसे फ्रांस के रहने वाले दो भाइयों जो सिर्फ माइकल और चौक से मॉन्टफोर्ट ने बनाया था इस बलून को बनाने के लिए सिल्क का इस्तेमाल किया गया था और इसका डायमीटर तकरीबन दस मीटर रखा गया उन्नीस सितंबर सत्रह सौ तिरासी को पहली बार इसका अभ्यास करने के लिए इसमें एक मुर्गे एक बतक और एक भेड़ को बैठाकर इसको हवा में उड़ाया गया था ये तकरीबन पंद्रह मिनट तक हवा में रहा और फिर जमीन पर गिर गया इस उड़ान के सफल होने के बाद बदलने इंसानों को इस में बैठाकर आसमान में उड़ान भरने की सूची और फिर तकरीबन एक महीने के बाद इक्कीस नवंबर सत्रह सौ तिरासी को एक वैज्ञानिक रोजीर और फ़्रेंच मिलिट्री के एक अधिकारी मार्कर्स डील रैन्ड इसने पेरिस में एक ऐतिहासिक उड़ान भरी ये इतिहास में किसी इंसान के द्वारा पहली उड़ान थी इस हवाई सफर में इन्होंने पूरे पच्चीस मिनट तक नौ किलोमीटर तक का सफर तय किया तीसरा प्रयास ऑटो लिन थो तेईस मई अठारह सौ अड़तालीस को जर्मनी में पैदा हुए और तुलिन को दुनिया द फ्लाइंग मैन के नाम से जानती थी वो दुनिया के पहले इंसान थे जिन्होंने ग्लैडिएटर के जरिए आसमान में उड़ान भरी थी उन्होंने सन अट्ठारह सौ सत्तर में रॉयल टेक्निकल अकैडमी बर्लिन से मैकनिकल इंजीनियरिंग में अपना ग्रैजुएशन पूरा किया था उन्होंने अपना पहला परीक्षण सन अट्ठारह सौ इक्यानवे में किया था जिसमें वो ऊंची पहाड़ी से दौड़कर नीचे की तरफ भागकर कूद जाते थे अपनी पहली उड़ान में उन्होंने पच्चीस मीटर की दूरी तय की थी वो जन अठारह सौ छियानवे तक अलग अलग तकनीक से ग्लाइडर बनाकर उन पर लंबी दूरी की उड़ान भरने के लिए अध्ययन करते थे अपने पांच साल के इस प्रयास में उन्होंने सबसे लंबी दूरी दो सौ पचास मीटर की तय की थी और इस पूरे अंतराल में उन्होंने पूरे दो हज़ार बार ग्लाइडर के जरिये उड़ान भरी थी नौ अगस्त अठारह सौ छियानवे को ग्लाइडर्स उड़ान भरते समय अचानक ग्लाइडर्स उनका नियंत्रण हट गया और वो तकरीबन पंद्रह मीटर की उचाई से जमीन पर गिर गए जिसमें उनकी गर्दन की हड्डी टूट गई और फिर एक दिन के बाद अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई चौथा प्रयास अल्बर्टो सैंटोस डिमांड जिनका जन्म बीस जुलाई अठारह सौ तिहत्तर को ब्राज़ील में हुआ था जो की एक मैकेनिकल इंजीनियर थे उन्हें ब्राज़ील में हवाई जहाज का जन्मदाता माना जाता है और ब्राज़ील में हीरो ऑफ नेशन की उपाधि भी मिली हुई है अलबर्टो

सैंटोस ने हॉट एयर बलून की थ्योरी पर काम करते हुए हवाई जहाज बनाने का काम शुरू किया था उन्होंने अपने बनाए हुए यान को पहले एक बड़े हॉट बैलून के द्वारा हवा में उड़ाया और फिर एन जिनका प्रयोग करके उसे दूर तक चलाया उन्होंने अपना पहला प्रयास अट्ठारह सौ अट्ठानवे में किया था अक्टूबर उन्नीस सौ एक को उन्होंने अपने जहाज को उड़ाकर दुनिया के सामने इतिहास रच दिया उन्होंने फ्रांस के पेरिस में हजारों लोगों की भीड़ के सामने खुद इस जहाज को सेंट क्लाउड से उड़ाकर एफिल टावर का एक चक्कर लगाकर वापस सेंट क्लाउड तक उड़ाया था इस पूरी यात्रा में उन्होंने बारह मील की दूरी तय की थी पांचवां प्रयास उन्नीस अगस्त अठारह सौ इकहत्तर को जन्मे और विल राइट और सोलह अप्रैल अठारह सौ सड़सठ को जन्मे फ़िल्म ब्राइट जिन्हें राइट ब्रदर्स के नाम से जाना जाता है आमतौर पर अमेरिका के रहने वाले इन दोनों ही भाइयों को हवाई जहाज का आविष्कारक माना जाता है इन्होंने सत्रह दिसंबर उन्नीस सौ तीन को संसार की सबसे पहली सफल मानवीय उड़ान भरी थी जिसमें उन्होंने हवा से भरी यान को नियंत्रित रूप से निर्धारित समय तक उड़ाया था राइट ब्रदर्स को बचपन से ही हवाई उड़ान में रुचि थी वे हमेशा पतंगों और चिड़ियों को देखकर जुड़ने की इच्छा ज़ाहिर करते थे पर उनके पास इतना धन नहीं था कि वो अपने सपने को पूरा करने के लिए पैसे खर्चा दे वो ऑटो लैंथ उनसे काफी प्रभावित थे और अपनी शुरुआती दौर में राइट ब्रदर्स उन्हीं की तरह खुद से ग्लाइडर बनकर उठा करते थे वो अपनी साइकल की दुकान में काम करते और वहीं से ग्लाइडर को संतुलित करने का अनुभव उनको हुआ ग्लाइडर से उड़ान भरना तो आसान था पर उड़ते समय उसका संतुलन बनाना और सही जगह पर उतरना बहुत मुश्किल होता था किसी अनहोनी से

बचने के लिए ये दोनों भाई सन उन्नीस सौ में के एकांत और रेतीले इलाके में चले गए जहाँ उन्होंने कई सालों तक ग्लाइडर को अच्छे से उड़ाने की कला सीखी फिर साल उन्नीस सौ तीन में उन्होंने ईंधन से चलने वाला एक इंजिन का प्रयोग करके एक जहाज बनाया पहली बार जब उन्होंने इस जहाज का प्रयोग किया तो उनका ये जहाज सिर्फ छे सेकंड तक ही हवा में उड़ सका पर मानव इतिहास में ये पहला मौका था जब किसी जहाज़ ने स्वयं गति पैदा करके कोई उड़ान भरी थी कुछ समय हवा में रहने के बाद उनका विमान सफलतापूर्वक जमीन पर उतर गया फिर उसी दिन उन्होंने अपने चौथे प्रयास में उनसठ  सेकंड तक जहाज को हवा में उड़ाकर आठ सौ पैंतीस फिट की दूरी तय की और फिर बार बार अध्ययन करने से उनको कामयाबी मिल गई और फिर उन्होंने पैंतीस मील प्रति घंटा की रफ्तार से चौबीस मील की दूरी तय की पर अभी तक इन दोनों भाइयों के ये संस्कार के बारे में कोई जानता नहीं था और ना ही किसी अखबार ने उनके बारे में कुछ लिखा था साल उन्नीस सौ आठ को विल्बर राइट अपने जहाज को लेकर फ्रांस गए जहाँ उन्होंने दुनिया के सामने अपने इस जहाज में बैठकर इक्यानवे मिनट तक बावन मील की दूरी तय करके एक कीर्तिमान बना दिया था जिसके बाद उन्हें कई पुरस्कार से भी नवाजा गया सन् उन्नीस सौ नौ में कई देशों में हवाई जहाज के आविष्कार में प्रगति देखने को मिली और उन्नीस सौ नौ में ही और विल राइट ने वर्जीनिया से नॉर्थ कैरोलिना तक की लंबी दूरी तय की और फिर पंद्रह जून उन्नीस सौ उन्नीस को पहली बार कैप्टन जॉन अल कोक ने एक अमेरिकी हवाई जहाज से ही अटलांटिक सागर को पार किया अगर आप किसी और टॉपिक पर  चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं पढ़ने के लिए शुक्रिया |

 

   FAQ-

  • हवाई जहाज का आविष्कार कैसे शुरू हुआ था?
  • एरोप्लेन का आविष्कार कौन से देश में हुआ था?
  • प्लेन किसने और कब बनाया?
  • हवाई जहाज 1 घंटे में कितना तेल खाता है?

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